1398 99 में भारत में एक ऐसी आंधी आई जो सब कुछ उड़ा लेगई। उसे आंधी में Khizr Khan Delhi Sultanate का तो पता ही नहीं चला की कब उड़ गई दिल्ली सल्तनत पूरी तरह से झिर्ण हो गई थी. फिर से एक वीर ने वीरता का सबूत पेश करते हुए और अपने महत्वाकांक्षाओं के दम पर फिर से दिल्ली सल्तनत को बनाने का काम शुरू किया और उसका नाम था खिज्र खां। भारत की सीमाओं को छोड़ने से पूर्व तैमूर ने Khizr Khan Delhi Sultanate को मुल्तान, लाहौर, और…
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सिकंदर लोदी कोन थे? Extraordinary Sikander Lodhi Grow All’ You Need To Know
Sikander Lodhi Introduction (सिकंदर परिचय): इस पोस्ट में, हम सिकंदर लोदी के जीवन और उसके युग की गहराईयों में गतिशीलता से खोजते हैं। Sikandar Lodhi भारतीय इतिहास में एक महत्वपूर्ण और प्रभावशाली व्यक्ति थे, जिनका योगदान राजनीति, साहित्य, धर्म, और सामाजिक संरचना के क्षेत्र में महत्वपूर्ण रहा। इस पोस्ट में, हम उनके जीवन के मुख्य अध्यायों को अन्वेषण करते हैं, सिकंदर लोदी के शासनकाल की राजनीतिक और सांस्कृतिक प्रकृति को समझते हैं, और उनके समय की दृष्टि से उनके प्रभाव को विश्लेषण करते हैं। यह पोस्ट उन सभी पाठकों के…
दिल्ली सल्तनत क्यों प्रसिद्ध है 1206 इस्लाम का जन्म कब हुआ
दिल्ली सल्तनत क्यों प्रसिद्ध है: दिल्ली सल्तनत (1206 से 1526) मध्यकालीन भारत के इतिहास की एक प्राचीनतम कहानी (Hustory) है जिसमें कुछ उथल-पुथल मौजूद है. Delhi Sultanate इन्हीं उथल-पुथल की वजह से ही दिल्ली सल्तनत इतनी प्रसिद्ध है । पूरे विश्व भर में जिसकी जिज्ञासा जानने की हर एक की इच्छा होती है । दिल्ली सल्तनत क्यों प्रसिद्ध है, इसके कई कारण मौजूद हैं राजनीतिक, धार्मिक कारण, विदेशी कारण, और शासन काल कारण, यहां की वीरता के कारण, और सबसे खास बात यहां है, सोने की चिड़िया कहे जाने वाले…
Who were the slave dynasty? Qutubuddin Aibak. Iltutmish
Slavery was implemented all over the world since ancient times. Slavery means that the conquerors used to convert the prisoners or captives who were defeated in the war into slaves and recruited the talented and capable people among them into the army and handed over the responsibility of governance to them. Apart from the prisoners of war, there were also slave markets and rich people used to buy slaves from these markets and make them their servants. Those slaves were very loyal and efficient and often belonged to noble families.…
दिल्ली सल्तनत में गुलाम वंश कौन है ~ कुतुबुद्दीन ऐबक 1206 ई से 1210 ई
गुलाम वंश कौन है : पूरी दुनिया में गुलाम प्रथा प्राचीन काल से ही लागू हो गई थी। गुलाम प्रथा का मतलब होता है , युद्ध में हारने वाले कैदी या बंदियों को जीतने वाले गुलाम बना लेते थे और उनमें से प्रतिभावान तथा योग्य व्यक्तियों को सेना में भर्ती कर लेते थे और उन्हें शासन का भार सौंप दिया करते थे। युद्ध के कैदियों के अलावा गुलामी के बाजार भी लगते थे और इन बाजारों से अमीर लोग गुलामी को खरीद कर उन्हें अपना सेवक बना लेते थे ।…