भारत का इतिहास history of indian अत्यंत गहरा और लम्बा इतिहास है, जो कई हजार साल शताब्दियों तक फैला हुआ है। Bharat एक ऐसा देश है जहाँ विभिन्न प्रकार की संस्कृतियाँ, धर्म, भाषाएँ और परंपराएँ विकसित हुईं हैं। और फिर खूब फली-फूलीं भी हैं।
World Wide History के अनुसार भारत का इतिहास खासतौर से: चार प्रमुख कालों में विभाजित किया जा सकता है: प्राचीन काल, मध्यकाल, आधुनिक काल और स्वतंत्रता के बाद का काल। भारत के इतिहास को जानने से पहले हमें इन चारों कालों के बारे में जानना होगा। जिससे हम भारत के इतिहास को बेहतरीन तरीके से जान पाएंगे।
history of indian मैं महात्मा गांधी जी जैसे महात्मा भी पैदा हुए, जिन्होंने भारत को ब्रिटिश सरकार से आजादी दिलाने में अहम भूमिका निभाई थी। मध्यकाल की अगर बात करें तो इसमें महा राणा प्रताप सिंह, राव हमीर, राणा सांगा, बादशाह अकबर, राजा हसन का मेवाती, और इसके अलावा और भी थे जो बड़े-बड़े नाम थे। अलाउद्दीन खिलजी जैसे महत्व कांची व्यक्ति इस दौर में आए थे। अगर हम और पीछे जाएंगे तो उसमें और भी बहुत बड़े-बड़े नाम आपको देखने को मिलेंगे। जिनमें सम्राट Ashoke, महावीर Kanishk और राजा भोज जैसे बड़े नाम आपने जरूर सुने होंगे।
प्राचीन काल ancient time

प्राचीन history of indian वैदिक सभ्यता से शुरू होता है, जो सिंधु घाटी सभ्यता के बाद विकसित हुई। वैदिक सभ्यता में आर्यन का आगमन और वेदों की रचना महत्वपूर्ण घटनाएँ थीं। यह काल धार्मिक और सामाजिक संरचना की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। महाभारत और रामायण जैसे महाकाव्य इसी काल में लिखे गए थे। इसके बाद मौर्य साम्राज्य का उदय हुआ, जिसमें सम्राट अशोक का शासन प्रमुख था। अशोक ने बौद्ध धर्म को अपनाया और इसे पूरे भारत में फैलाया था। यह Bharat Ke Itihaas का एक महत्वपूर्ण Period है ।
history of indian मध्यकाल

Medieval period में भारत में कई राजवंशों का उदय और पतन हुआ। इसमें प्रमुख रूप से गुप्त वंश, हर्षवर्धन का शासन, और दक्षिण भारत के चोल, पल्लव और पांड्य वंश शामिल हैं। गुप्त वंश को भारतीय इतिहास का स्वर्ण युग (Golden Age) भी कहा जाता है, क्योंकि इस काल में कला, विज्ञान और साहित्य में एक जबरदस्त विकास हुआ।
फिर बात आती है इसके बाद दिल्ली सल्तनत और मुगल साम्राज्य के आगमन की। मुगलों ने भारत में अपनी छाप छोड़ी और ताजमहल जैसे अद्वितीय वास्तुकला के नमूने पैश किए। इनमें खासकर अकबर, जहांगीर, शाहजहां और औरंगजेब जैसे मुगल शासकों ने भारत पर शासन किया और इस काल को इतिहास में ऐक महत्वपूर्ण स्थान दिलाया।
history of indian आधुनिक काल

history of indian के Modern period की शुरुआत मुख्यतः ब्रिटिश शासन से होती है। 17वीं शताब्दी के अंत में ‘ईस्ट इंडिया’ कंपनी ने भारत में अपने व्यापारिक गतिविधियों की शुरुआत के साथ भारत में अपने पैर जमाने शुरू किये। ईस्ट इंडिया ने धीरे-धीरे करके पूरे भारत पर अपना अधिकार स्थापित कर लिया।
इस काल में भारत में अनेक सामाजिक और धार्मिक सुधार आंदोलन हुए। राजा राम मोहन राय, स्वामी विवेकानंद, और महात्मा गांधी जैसे समाज सुधारकों ने समाज में जागरूकता और सुधार लाने का प्रयास किया। ब्रिटिश शासन काल में भारत के आधुनिक कल की शुरुआत के साथ आज भारत की सबसे प्रमुख चीज इसी काल में शुरू हो गई थी। भारत में रेल, डाक व्यवस्था, और आधुनिक शिक्षा प्रणाली की स्थापना ब्रिटिश शासन काल में ही हुई थी।
history of indian स्वतंत्रता संग्राम 1857

भारतीय स्वतंत्रता संग्राम 1857 की क्रांति से शुरू होता है, जिसे history of indian का पहला स्वतंत्रता संग्राम कहा जाता है। इसके बाद ही भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना हुई थी। बाद में महात्मा गांधी के नेतृत्व में अहिंसात्मक आंदोलनों की शुरुआत हुई। गांधीजी के सत्याग्रह और असहयोग आंदोलन ने भारतीय जनता को एकजुट किया। और 15 अगस्त 1947 को भारत को ब्रिटिश साम्राज्य से आजाद कर लिया।
1857 के इस स्वतंत्रता संग्राम में सबसे पहला नाम Bahudur Shah Zafar का आता है। इससे भी बड़ा नाम इस स्वतंत्रता संग्राम में Mewat के वीरों का है जिनका नाम शायद ही कोई लेता हो। वैसे तो यह भी एक लंबी कहानी है पर आजादी के बाद पंडित जवाहरलाल नेहरू स्वतंत्र भारत के पहले प्रधानमंत्री बने थे।
स्वतंत्रता के बाद का काल

स्वतंत्रता के बाद, भारत ने अनेकों क्षेत्रों में प्रगति की। संविधान सभा ने 26 जनवरी 1950 में भारतीय संविधान को अंगीकृत किया और भारत को ऐक गणराज्य घोषित कर दिया। भारतीय अर्थव्यवस्था ने भी अपने कृषि, उद्योग, और सेवाओं के क्षेत्र में खूब विकास किया। वैज्ञानिक और तकनीकी क्षेत्रों में भी भारत ने महत्वपूर्ण प्रगति की। अंतरिक्ष कार्यक्रम, परमाणु ऊर्जा, और सूचना प्रौद्योगिकी में भारत ने आज तक विश्व भर में अपनी एक खास पहचान बना ली है। इस काल में सबसे ज्यादा प्रसिद्धता जिसको मिला वह है भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी।
history of indian अनेक वीरों, विद्वानों, और समाज सुधारकों की कहानियों से भरा हुआ है। यह एक ऐसा देश है जहाँ विविधता में एकता की झलक देखने को दुनिया भर में सबसे ज्यादा मिलती है। भारत का सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर न केवल भारतीयों के लिए, बल्कि पूरे विश्व के लिए प्रेरणा का ऐक स्रोत माना जाता है।
भारत का इतिहास इस बात का साक्षी है कि यह देश न केवल प्राचीन काल में ही महान था, बल्कि आधुनिक समय में भी यह विश्व मंच पर अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। भारत की धरोहर, परंपराएँ और मूल्य, और खैल जगत आज भी विश्वभर में आदर और सम्मान की नजरों से देखे जाते हैं।
भारत का मुख्य इतिहास क्या है?

history of indian मे यह तो कंफर्म कोई नहीं जानता कि भारत का सटीक इतिहास क्या है। लेकिन कुछ स्रोतों के आधार पर, इतिहासकार कुछ जानकारी देते हैं। जैसे: कि मनुष्यों ने भारतीय उपमहाद्वीप में सबसे पहले 73,000 या 55,000 साल के बीच में सबसे पहले भौतिक रूप से प्रवेश किया होगा।
दक्षिण एशिया में सबसे पुराने मानव अवशेष 30,000 साल पहले के आस–पास के मिले हैं। दक्षिण एशिया में स्थायित्व (स्थायी होने अथवा बने रहने का होता है) लगभग 7000 ईसा पूर्व शुरू हुआ।
सिंधु घाटी सभ्यता का उदय

history of indian में 4500 ईसा पूर्व तक, स्थायी जीवन फैल चुका था। और धीरे-धीरे यह सिंधु घाटी सभ्यता में विकसित हुआ, जो वर्तमान में पाकिस्तान और उत्तर-पश्चिमी भारत में 2500 ईसा पूर्व और 1900 ईसा पूर्व के बीच में खूब फली-फूली है ।
सिंधु घाटी सभ्यता के बारे में इतिहासकारों को मानना है कि वह काफी खूबसूरत और काफी एडवांस थी। जैसे आज के समय में दुनिया एडवांस है उसी की तरह सिंधु घाटी सभ्यता जिसमें ‘मोहनजोदड़ो’ और ‘हड़प्पा’ जैसे शहर उस समय के सबसे बेस्ट और सबसे आधुनिक शहर हुआ करते थे। खुदाई में कुछ ऐसे अवशेष मिले हैं जिंनसे यह कयास लगाया जाता है कि उसे समय दुनिया आज से भी ज्यादा मॉडर्न रही थी।
सिंधु घाटी सभ्यता history of indian का एक अभिन्न अंग है। कहां जाता है कि सिंधु घाटी सभ्यता (Indus Valley Civilization) में कृषि व्यवस्था 4000 ई. पूर्व वर्ष शुरू हुई और 3000 ई. पूर्व के आसपास शहरीकरण शुरू हुआ था। इसका इतिहास और भी गहरा है जिसको यहां लिखना थोड़ा मुश्किल के इसके बारे में मैंने अलग से चार आर्टिकल लिखें जिनको आप यहां से पढ़ सकते हैं।
वेदों का युग और सामाजिक संरचना
दूसरे सहस्राब्दी ईसा पूर्व की शुरुआत में, बार-बार आने वाले सूखे ने सिंधु घाटी की आबादी को बड़े शहरी केंद्रों से गाँवों में बिखरने के लिए मजबूर कर दिया। यह अनुमान लगाया जाता है कि इंडो-आर्यन जनजातियाँ कई प्रवासन तरंगों में मध्य एशिया से पंजाब में आईं। इतिहासकारों का कहना है कि इसका एक कारण यह है कि उत्तर भारत में वैदिक काल (1500-500 ईसा पूर्व) में वैदिक लोगों ने अपने व्यापक भजनों (वेदों) का संग्रह तैयार किया।
सामाजिक संरचना को वर्ण व्यवस्था के माध्यम से ढीले तरीके से वर्गीकृत किया गया था, जिसे वर्तमान के अत्यधिक विकसित जाति प्रणाली में शामिल किया गया। गंगा के मैदान में चरागाह और खानाबदोश इंडो-आर्यन फैले थे। इसकी पुष्टि विश्व भर के सभी इतिहासकार करते हैं। इससे history of indian को जानने का और बेहतर है मौका मिलता है।
महाजनपदों का उदय और नए धार्मिक आंदोलन

लगभग 600 ईसा पूर्व, एक नई, अंतर-क्षेत्रीय संस्कृति उभरी; तब छोटे प्रमुखताएँ (जनपद) बड़े राज्यों (महाजनपद) में इकट्ठा हो गए। दूसरी शहरीकरण, जो नए तपस्वी आंदोलनों और धार्मिक अवधारणाओं के उदय के साथ मेल खाता था, जिसमें जैन धर्म और बौद्ध धर्म का उदय शामिल था। बाद में इन्हें उपमहाद्वीप की पहले से मौजूद धार्मिक संस्कृतियों के साथ समाहित किया गया।
भारत का पुराना नाम क्या है? What is old name bharat?
आज के आधुनिक युग में हम भारत को कई नाम से पहचानते हैं जिम सबसे ज्यादा भारत, हिंदुस्तान और इंडिया के नाम से हम जानते हैं। पर क्या आपको ऐसा लगता है कि इसके सिर्फ तीन ही नाम होंगे। फिर एक बात यह भी है, भारत एक प्राचीन देश है। इतना प्राचीन के शायद सबसे प्राचीन। भारत के इस सबसे प्राचीन के बारे में हम जल्द ही एक आर्टिकल लिखने वाले हैं पर अभी हम भारत का पुराना नाम खोज रहे हैं?
history of indian के हिसाब से भारत को वैसे तो बहुत सारे नामों से हम जानते हैं। जैसे: भारत को भारतवर्ष, जम्बूद्वीप, भारतखण्ड, आर्यावर्त, हिन्दुस्तान, हिन्द, अल-हिन्द, ग्यागर, फग्युल, तियानझू, होडू आदि अन्य नामों से भी भारत को जाना जाता है।
Dr Sheikh Nasir के अनुसार भारत का सबसे पुराना और प्राचीनतम नाम “भारत” है। अब सवाल यह है कि “कैसे हैं” इसका लॉजिक कुछ इस तरह से है। जैन पुराणों के के हिसाब से “नाभिराज” के पुत्र एवं “जैन धर्म” के पहले तीर्थंकर भगवान ऋषभदेव के पुत्र भरत चक्रवर्ती के नाम पर इस देश का नाम “भारत” पड़ा। जिनको आगे चलकर “भारतवर्ष” कहां गया।
History of Indian Name Manusmriti
अब हम इसका पता “मनुस्मृति” से लगते हैं। मनु और स्मृति दोनों अलग-अलग शब्द है। मनु वोह है जिसने स्मृति को लिखा। या जिसको हम स्मृति के रचयिता के तौर पर भी जान सकते हैं। पर इस किताब का पूरा नाम मनुस्मृति है। इसका मुख्य कारण है. “मनु” ने इसको लिखा (या कहा) और किताब का नाम था “स्मृति” जो आगे चलकर हो गई “मनुस्मृति”।
जब इस इतिहास को हम बारीकी से पढ़ते हैं तो हमें पता चलता है की मनु के कई पुत्र थे उनमें से एक का नाम था “सिंध” और एक का नाम था “भारत”। भारत की संतान जब आगे बढ़ी और आगे बढ़ती ही गई तो उसको हम भारत के नाम से जानते हैं। आपकी जानकारी के लिए बता दूं की “सिंध” और “भारत” पहले अलग-अलग ही देश हुआ करते थे।
History of Indian Name Islamic
इस्लामी इतिहास में जब हम भारत के इतिहास को खोजते हैं तो वहां पर भी हमें यही जानकारी देखने को मिलती है। उसमें “मनु” को “नूहू” (अलैहिस्सलाम) कहा गया है। यहां पर बताया गया है कि नूहू (अलैहिस्सलाम) के चार बेटे थे। Deeply रिसर्च करने से पता चलता है कि उनके एक बेटे का नाम “भरत” और एक का नाम “सिंध” था “सिंध” जिस जगह रहता था उसको “सिंध देश” कहा गया, और जिस जगह “भरत” रहता था उसको “भारत देश” कहा गया।
भारत को क्या कहते थे?
यहां पर भी एक सवाल और खड़ा हो जाता है। इन दोनों जानकारी के हिसाब से यह जानकारी तब की है जब दुनिया में पानी का एक बड़ा सैलाब आया था। उसके बाद से जब दुनिया को दोबारा बसने का मौका मिला तब से यह “भरत और सिंध” की कहानी है। पर सवाल यह है कि उससे पहले (भारत को क्या कहते थे)।
उससे पहले (भारत को क्या कहते थे) इसके बारे में कोई सटीक जानकारी ना है, ना ही अभी तक हमें मिली है. हमारे हिसाब से हम कहें तो भारत को इसको पहले “जम्मू दीप” के नाम से ही पुकारा जाता होगा।
Which history is first in India?
सबसे पहला भारत का इतिहास कौन सा है इसका जवाब मुझे नहीं लगता कि आज तक किसी के पास हुआ होगा। अभी दो इतिहास ऐसे हैं जिनको सबसे पहले इतिहास माना जाता है। एक तो है “सिंधु घाटी सभ्यता” को दूसरा है “पुराणों” को। क्योंकि अभी तो भारत की और खोज भी चल रही है। भारत एक प्राचीन देश है जिसका इतिहास 65000 साल के आसपास माना जाता है।
What is the historical background of India?

भारत का हिस्टोरिकल बैकग्राउंड वैसे तो काफी पुराना माना जाता है। कहां जाता है कि भारत का हिस्ट्री का बैकग्राउंड 73000 से लेकर 55000 साल के मध्य माना जाता है। मध्य एशिया में 30000 साल पुराने मिले कुछ अवशेषों के तर्क पर इसको माना जाता है। कुछ धार्मिक ग्रंथो के हिसाब से भी इस इतिहास को माना जाता है।
चौथी और पांचवी शताब्दी में मौर्य वंश के ऐतिहासिक वंश को भारत का ऐतिहासिक Background माना जाता है। ऐतिहासिक पृष्ठभूमि का मतलब होता है, कोई ऐसी ऐतिहासिक घटना, जो अतीत में गुजर चुकी है। इतिहास के पन्नो में उसको दर्ज किया गया हो, और वोह साबित भी हो चुकी हो। और साथ–साथ उसके बारे में पूरी Details भी मोजूद हो।
Which is the oldest civilization in India?
वैसे तो हम इस सभ्यता के ऊपर लिख चुके हैं, लेकिन यहां पर भी हम आपको बता दें, कि भारत की आज तक सबसे पुरानी सभ्यता, जिसको पूरी दुनिया के इतिहासकार मानते हैं, और सभी इस पर सहमत भी है, किसी को भी किसी भी तरह की कोई आपत्ति भी नहीं है। वह है सिंधु घाटी सभ्यता। history of indian मे हम इसको दूसरे नाम मोहनजोदड़ो सभ्यता, या हड़प्पा संस्कृति के नाम से भी जानते हैं।
सिंधु घाटी सभ्यता आज के दौर में पाकिस्तान में मौजूद है। 150 साल पहले इस सभ्यता का पता लगाया गया था। उस समय पाकिस्तान और भारत दोनों एक ही देश थे। यानी पाकिस्तान और भारत अलग-अलग नहीं हुए थे. उस समय ईस सभ्यता की खोज हुई थी। उस समय रेल लाइन बिछाने के लिए ईंटों की जरूरत थी। और यहां से स्थानीय लोग पहले से ही ईंटें निकाला करते थे। और वह ईंटें भी सही सलामत और काफी अच्छी थी।
जब ब्रिटिश सरकार को इसके बारे में पता चला तो उन्होंने यही से ही इंटें निकलना शुरू की बाद में यहां कुछ और चीज मिलाने लगी। दुनिया भर के इतिहासकारों का इस जगह कि ओर ध्यान गया, और यहां उन्होंने इसकी खोज की तो पता चला कि यह सिंधु घाटी सभ्यता है। काफी रिसर्च करने के बाद यह भी पता लगाया गया history of indian abh की यह 6500 साल पुरानी सभ्यता है।
Ancient indian history book
history of indian के बारे में बताने के लिए, प्राचीन इतिहास की बहुत सारी किताबें हैं। लेकिन जो सबसे ज्यादा प्रसिद्ध और फेमस है जिसमें प्राचीन भारतीय इतिहास के साथ-साथ मध्यकालीन भारत का भी इतिहास दिया गया है। प्राचीन भारत के बारे में हम आज जो इतिहास पढ़ते हैं उसके अनुसार “राजतरंगिणी” भारत की पहली ऐतिहासिक पुस्तक है। इसको प्रसिद्ध लेखक कल्हण के द्वारा (12वीं शताब्दी) में लिखा गया है। उन्होंने 1148 और 1149 के बीच संस्कृत भाषा में ईसको लिखा है।
और ऐतिहासिक पुस्तकें।
Who wrote the ancient book?
भारत के इतिहास के बारे में बताने के लिए प्राचीन समय में कई पुस्तकों का लेखन किया गया। जिनकी मदद से आज हम history of indian के बारे में आसानी से पता लगा सकते हैं। उसे समय की पुस्तक में और उनके लेखक के बारे में हम नीचे कुछ डिटेल से लिखने की कोशिश करेंगे। ऐसा हम इसलिए लिख रहे हैं, क्योंकि वह इतिहासकार काफी बड़े थे, और हम उनके बराबर कभी भी नही पहुंच सकते हैं। उनको इज्जत देने के लिए हम इन शब्दों का इस्तेमाल कर रहे हैं।
पुस्तक: लेखक:
राजतरंगिणी: कल्हण
लीलावती: भास्कर
हर्षचरित, कादम्बरी, नागानन्द, रत्नावली: रत्नावली हर्षवर्धन
गाथासप्त्सती: हाल
अष्टाध्यायी: पाणिनि
अर्ध कथानक: बनारसीदास 1601ई.
आदि ग्रन्थ: गूरु अर्जून देव 1604ई.
किताबें और भी है पर हमने कुछ ही किताबें दिए जो बहुत ही ज्यादा फेमस है भारत के इतिहास को जानने के लिए।
विश्व की सबसे पुरानी किताब कौन सी है?

अभी तक history of indian मे हम बहुत कुछ जान गए, पर आप यह भी जान ले की विश्व की सबसे पुरानी किताब कौन सी है। इस दुनिया में इतनी किताबें थी और हैं। जिनके बारे में ना यहां लिखा जाएगा और शायद ना आप गिन पाएंगे। कहा जाता है कि दुनिया की सबसे पहली प्रिंटेड किताब “डायमंड सूत्र (Diamond Sutra)” को माना जाता है। चीन में प्रिंटिंग की कला विकसित होने के बाद इस किताब को लिखा गया है।
868 E. में छपी इस किताब में “बौद्ध” और उसके शिष्यों की बातचीत के बारे में बताया गया है। इसके साथ ही इसमें कुछ history of indian के भी अंश मौजूद हैं। यह किताब 1900 में मोगाओ की गुफाओं (Mogao Caves) के अंदर मिली थी.
निष्कर्ष history of indian

इस पोस्ट में हमने history of indian इन हिंदी के बारे में कई फैक्ट पता किया हैं। यह जानकारी आप सभी को कैसी लगी आप हमें कमेंट सेक्शन में जरूर बताएं। Kol and Dravid Sabhyata