Focaccia रोम में उत्पन्न नहीं हुआ, लेकिन 9,000 साल पहले मेसोपोटामिया में!

Focaccia रोम में उत्पन्न नहीं हुआ लेकिन 9000 साल पहले - 2

परिचय:- फोकैसिया (Focaccia) एक प्राचीन प्रकार की रोटी है, जिसकी उत्पत्ति हजारों साल पहले नवपाषाण काल में हुई थी। रोम में यूनिवर्सिटेट ऑटोनोमा डे बार्सिलोना (UAB) और ला सपिंजा विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं के अनुसार, लगभग 7000 से 5000 ईसा पूर्व के बीच निकट पूर्व के उपजाऊ अर्धचंद्राकार क्षेत्र में कृषि समुदायों ने विशेष प्रकार की बेकिंग तकनीक विकसित की थी। इस तकनीक में हस्किंग ट्रे का उपयोग किया जाता था, जिससे बड़ी रोटियों और फोकैसिया (Focaccia) जैसी ब्रेड बनाई जाती थीं।

फोकैसिया (Focaccia History) का इतिहास

फोकैसिया (Focaccia) का इतिहास बहुत पुराना है। यह इटली की पारंपरिक रोटी है, जिसे अक्सर जैतून के तेल, नमक और जड़ी-बूटियों के साथ तैयार किया जाता है। लेकिन इसका इतिहास केवल इटली तक सीमित नहीं है। शोध बताते हैं कि यह रोटी नवपाषाण काल से ही अस्तित्व में थी और विभिन्न संस्कृतियों में इसे अलग-अलग नामों से जाना जाता था।

प्राचीन रोम में फोकैसिया (Focaccia): रोम में इसे “पैनिस फोकासियस” (Panis Focacius) कहा जाता था और यह लकड़ी के जलते अंगारों पर पकाई जाती थी।

यूनान में फोकैसिया (Focaccia): ग्रीक सभ्यता में इसे “लगानोन” (Laganon) कहा जाता था।

मध्य युग में फोकैसिया (Focaccia): यह इटली और फ्रांस के किसानों द्वारा खाई जाने वाली एक मुख्य खाद्य सामग्री बन गई।

नवपाषाण काल में फोकैसिया (Focaccia) की उत्पत्ति

शोधकर्ताओं ने यह पाया कि नवपाषाण काल के लोग पहले से ही बेकिंग तकनीकों से परिचित थे। वे विभिन्न अनाजों को पीसकर आटा बनाते थे और पानी मिलाकर रोटियों की मोटी परतें तैयार करते थे।

  1. हस्किंग ट्रे का उपयोग

पुरातत्वविदों को मिली हस्किंग ट्रे से यह पता चला कि इनका उपयोग फोकैसिया (Focaccia) जैसी रोटियां बनाने के लिए किया जाता था।

  1. उच्च तापमान पर बेकिंग प्रक्रिया

शोधकर्ताओं के अनुसार, इन ट्रे को 420 डिग्री सेल्सियस पर गुंबददार ओवन में लगभग 2 घंटे तक रखा जाता था, जिससे मोटी रोटियां तैयार होती थीं।

  1. सांप्रदायिक भोजन के लिए उपयोग

इन रोटियों का वजन लगभग 3 किलोग्राम होता था, जिससे यह अनुमान लगाया जाता है कि इन्हें सामुदायिक भोज के लिए तैयार किया जाता था।

हस्किंग ट्रे: प्राचीन बेकिंग तकनीक

  1. हस्किंग ट्रे की बनावट

यह बड़े अंडाकार आधार और कम दीवारों वाली मिट्टी की ट्रे होती थी।

ट्रे की आंतरिक सतह पर खांचे होते थे, जो पके हुए आटे को आसानी से निकालने में मदद करते थे।

  1. हस्किंग ट्रे की विशेषताएँ

मोटे मिट्टी से बनी होती थी।

आटे को चिपकने से बचाने के लिए सतह पर विशेष चिह्न होते थे।

इसे उच्च तापमान पर पकाने के लिए डिज़ाइन किया गया था।

फोकैसिया (Focaccia) का सांस्कृतिक महत्व

  1. धार्मिक और सामाजिक समारोहों में उपयोग

प्राचीन सभ्यताओं में फोकैसिया (Focaccia) का उपयोग धार्मिक अनुष्ठानों और उत्सवों में किया जाता था।

  1. व्यापार और विनिमय प्रणाली में योगदान

फोकैसिया (Focaccia) जैसी रोटियां विभिन्न समुदायों के बीच व्यापार के माध्यम से भी फैलीं।

प्राचीन और आधुनिक फोकैसिया (Focaccia) में अंतर

फोकैसिया (Focaccia) बनाने की विधि

आवश्यक सामग्री

500 ग्राम मैदा

10 ग्राम खमीर

2 चम्मच जैतून का तेल

1 चम्मच नमक

1 कप गुनगुना पानी

जड़ी-बूटियाँ (जैसे रोज़मेरी, अजवायन)

बनाने की विधि

  1. खमीर को गुनगुने पानी में घोलकर 10 मिनट के लिए रख दें।

  2. मैदा, नमक और जैतून का तेल मिलाकर आटा गूंथ लें।

  3. इसे 1 घंटे तक फूलने दें।

  4. इसे बेकिंग ट्रे में रखकर 220 डिग्री सेल्सियस पर 20 मिनट तक बेक करें।

निष्कर्ष

फोकैसिया (Focaccia) न केवल एक स्वादिष्ट रोटी है, बल्कि इसका ऐतिहासिक महत्व भी बहुत गहरा है। नवपाषाण काल से लेकर आज तक यह रोटी अलग-अलग रूपों में विकसित हुई है। प्राचीन काल में इसे हस्किंग ट्रे पर बनाया जाता था, जबकि आज यह आधुनिक ओवन में तैयार की जाती है। इसके सांस्कृतिक और सामाजिक महत्व को देखते हुए, यह कहना गलत नहीं होगा कि फोकैसिया (Focaccia) मानव सभ्यता के विकास का एक महत्वपूर्ण हिस्सा रही है।

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