1398 99 में भारत में एक ऐसी आंधी आई जो सब कुछ उड़ा लेगई। उसे आंधी में Khizr Khan Delhi Sultanate का तो पता ही नहीं चला की कब उड़ गई दिल्ली सल्तनत पूरी तरह से झिर्ण हो गई थी. फिर से एक वीर ने वीरता का सबूत पेश करते हुए और अपने महत्वाकांक्षाओं के दम पर फिर से दिल्ली सल्तनत को बनाने का काम शुरू किया और उसका नाम था खिज्र खां।
भारत की सीमाओं को छोड़ने से पूर्व तैमूर ने Khizr Khan Delhi Sultanate को मुल्तान, लाहौर, और देपालपुर, का गवर्नर नियुक्त किया था. इस समय दिल्ली सुल्तान नसरुद्दीन महमूद का काफी लचर शासन काल था. मजबूत प्रबंध न होने की वजह से समस्त उत्तरी भारत में घोर दुख तथा अराजकता का राज्य फैला हुआ था।
दिल्ली सल्तनत टुकड़े-टुकड़े हो गई थी दिल्ली से संबंधित प्रदेशों के जितने भी सूबेदार थे सब के सब अपने आपको स्वतंत्र घोषित कर लिए थे। और दिल्ली को वार्षिक कर देना अभी बंद कर दिया था। और स्वयं अपने मर्जी के मालिक बन बैठे थे। स्थिति तो और भी खराब थी दिल्ली पर अधिकार करने के लिए प्रदेशों के सूबेदारों में आपस में संघर्ष चल रहा था।
दिल्ली सल्तनत की कमजोरी का और पता इस बात से लगता है सूबेदार तो सूबेदार बल्कि दिल्ली के अमीर और सरदार भी इस संघर्ष में कूद पड़े थे और एक दूसरे से युद्ध कर रहे थे लेकिन इस युद्ध में दिल्ली सल्तनत को वापस बनाने में सफलता हासिल की ख़िज़्र खां ने।
ख़िज़्र खां है 1414 ईस्वी में दिल्ली के सुल्तान उसे समय जो था ‘दौलत खान’ को पराजित कर दिल्ली पर अधिकार कर लिया इस प्रकार 28 में 1414 ई को किधर का दिल्ली सल्तनत का शासक बना और उसने अपनी तथा अतीत सैयद वंश की नींव डाली इसी वजह से सेहत वंश का पहला और प्रथम शासक खिजरखा को ही माना जाता है।
Khizr Khan Delhi Sultanate का सासन काल 1414ई. से 1421ई.
Khizr Khan Delhi Sultanate सैयद वंश का पहला शासक था। ख़िज़्र खां के द्वारा ही सैयद वंश की नींव डाली गई। ख़िज़्र खां काफी शक्तिशाली और महत्वाकांशी व्यक्ति भी था। ख़िज़्र खां ने जब 28 में 1414 ई को दिल्ली का राज्य शासन संभाला तब उसने सुल्तान की उपाधि धारण न करके रैयत-ए-आला’ की उपाधि से ही संतोष किया।
तैमूर जिस समय भारत से वापस जा रहा था उसने ख़िज़्र खां को मुल्तान, लाहौर, और दीपालपुर, का शासक नियुक्त किया था। जैसे कुतुबुद्दीन ऐबक ने मोहम्मद गौरी के लिए अपने स्वामी भक्ति दिखाई थी इस तरह Khizr Khan Delhi Sultanate भी तैमूर के लिए अपनी वफादारी और ईमानदारी पेश की वरना वह दिल्ली के शासन पर अलग एक सुल्तान की हैसियत से कम कर सकता था।
ख़िज़्र खां की वफादारी का सबूत इस बात से है कि जब वह दिल्ली की गाद्दी पर बैठा उसे समय तैमूर का लड़का शाहरुख का शासन काल था फिर भी उन्होंने अपनी वफादारी दिखाते हुए शाहरुख को वार्षिक कर देना शुरू कर दिया था. इसके साथ ही वह अपने खुतबे में तैमूर और उसके उत्तर अधिकारी का भी नाम पाड़वाया करता था।
Khizr Khan Delhi Sultanate के शासनकाल में पंजाब मुल्तान और सिंह फिर से Delhi Sultanate के सिंहासन में मिला लिया गया ऐसा नहीं है कि ख़िज़्र खां को इसको वापस मिलने में बड़ी आसानी हुई थी, इसके लिए उन्होंने लाहौर और सिंध के राजा को बड़ी टक्कर दी और सैन्य लड़ाई भी हुई जिसमें सफलता ख़िज़्र खां को मिली अपने इन 7 साल के शासनकाल के दौरान खिजर खान को अनेक विद्रोह का भी सामना करना पड़ा. उसने कटिहार के ‘राय हरि सिंह’ और बदायूं वह इटावा के कंपल के राजाओं के विद्रोह का भी सामना करना पड़ा, और उन्हें सफलतापूर्वक दवा भी दिया गया।
1416 ईस्वी में ख़िज़्र खां को ग्वालियर, बयाना, इसके अलावा सरहिंद, के तुर्कों के विद्रोह का भी सामना करना पड़ा उसे समय ग्वालियर और बयान के साथ-साथ सरहिंद तुर्कों के कब्जे में था. यहां भी खिजार का को कड़ी मेहनत करनी पड़ी पर इन सभी अभियानों में जीत ख़िज़्र खां को ही मिली इसके अलावा सुल्तान को राजस्व वसूलने के लिए भी प्रतिवर्ष अभियान का सहारा लेना पड़ता था.
ख़िज़्र खां की मुश्किल कभी भी काम नहीं हुई थी 1421 ईस्वी में उसके खिलाफ “मेवातियों” ने विद्रोह कर दिया मेवात में उसे समय जाट, गुर्जर, यादव, और अहीर, लोग रहते थे जो युद्ध कौशल में काफी माहिर भी थे. इस विद्रोह में काफी संघर्ष हुआ पर अंत में जीत ख़िज़्र खां को मिली इस विद्रोह का दमन करने के बाद जब वापस दिल्ली जा रहे थे ख़िज़्र खां तो रास्ते में बीमारी की वजह से उसकी मृत्यु हो गई 20 में 1421 को ख़िज़्र खां की मृत्यु हुई थी
निष्कर्ष Khizr Khan Delhi Sultanate
सैयद वंश के पहले शासक Khizr Khan Delhi Sultanate के बारे में हमारी यह पोस्ट आपको कैसी लगी हमें कमेंट सेक्शन में जरूर बताएं. हम हिस्टोरिकल पोस्ट बनाते रहते हैं और दिल्ली सल्तनत, राजपूताना, गुर्जर प्रतिहार वंश, के बारे में डिटेल से एक्सप्लेन करते हैं इस पोस्ट को अपने दोस्तों को जरुर शेयर करें ताकि वह भी पुराने इतिहास को जान सके। English Post
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